श्री.सुनील उत्तमराव साळवे
(9637661378 /9527190782)
मुख्य संपादक
VANSH NEWS Digital web portal online
नागपूर : 21 मार्च 2025
17 मार्च को बजरंग दल और विएचपी कार्यकर्ता ओ ने महल के शिवाजी महाराज के पुतले के पास औरंगजेब कि कबर को हटाने कि मांग को लेकर आंदोलन किया था| इस आंदोलन के लिए उन्होने गणेशपेठ थाने से परमिशन ली थी क्या? वहा जब आंदोलनकारी औरंगजेब का पुतला और कुराण कि आएते लिखी बाबा ताजुद्दीन कि हरी चादर जलाने वाले है इसकि भनक पुलिस को क्यो नही थी?आंदोलन के दौरान कुछ ना हो इसके लिए पुलिस का बंदोबस्त नहीं था| आंदोलनकारियों को रोकना पुलिस का काम था लेकिन पुलिस ने यह जानबूझकर रोका नहीं | मामला यही से गर्माता गया|बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस आदोलन का रिल बनाकर इंन्स्टाग्राम पर डालने से मुस्लिम समाज मे आक्रोश हुवा | मुस्लिम समुदाय ने गणेशपेठ थाने मे इसकि FIR दर्ज कराने मे लेटलतीफी कि, तथा FIR मे कुराण कि आएते लिखी हरी चादर लिखने से मना कर दिया ऐसा मुस्लिम समुदाय का कहना था इसको लेकर मुस्लिम समुदाय ने थाने को घेरा डाला | हिंदु मुस्लिम समाज मे तणाव निर्माण करने मे खासकर पुलिस कि भुमिका संदेहास्पद है| जिन बजरंग दल और विएचपी के कार्यकर्ता ओ को ये पता नहीं था कि जो चादर वो जला रहे हैं उसपर क्या लिखा है ऐसे नालायको कि वजह से आज हिंदु – मुस्लिम समाज मे दंगे भडक उठे |
शाम को भालदारपुरा इलाके मे फिर दोनो गुट आमने-सामने आए| 17 मार्च को दिनभर हिंदु मुस्लिम विवाद के चलते इस परिसर मे तगडा बंदोबस्त क्यो नही लगाया गया? शाम को तणाव ना बढे इसके लिए नागपुर पुलिस ने यहा पर कोनसी सुरक्षा व्यवस्था रखी? इस संवेदनशील इलाके मे धारा 144 लगाने कि जरुरत थी लेकिन नही लगाई। रात को 7 बजे से लेकर 1:30 बजे तक दोनो गुटों कि ओर से पत्थरबाजी चलती रही। लोकल पुलिस पैरामिलिटरी फोर्सेस,फायर ब्रिगेड कि गाडियां लगाने मे पुलिस ने देर कर दी।कई वाहनों को जलाया गया तोडा गया इस दंगे के दौरान 3 डिसीपी रैंक के अधिकारी जख्मी हुए कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए। कुछ आंदोलनकारी भी घायल हुए। अब सवाल ये उठता है दंगा ना हो इसके लिए नागपुर पुलिस कि क्या तैयारी थी? या दंगा भडके इसके लिए राजनेताओ के आदेश ककि नागपुर पुलिस राह देख रहे थे।
DCP पर कुल्हाड़ी से हमला संभव है क्या ?
दंगे को नियंत्रित करने गए भारी पुलिस बंदोबस्त मे कुछ हमलावरों के पास पेट्रोल बम थे उनके पास घातक शस्त्र थे ऐसा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन में बताया। एक वाहन मे पत्थर भरकर रखे थे। रमजान का पाक महिना शुरु है यहा के मुस्लिम समाज के रोजे चल रहे हैं। फिर भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुताबिक हमलावरों ने पत्थरबाजी कि पेट्रोल बम फोडे। हमले जहा हुए वहा पेट्रोल बम और पत्थरों से भरी गाडी आई कैसे? नागपुर पुलिस का इंटेलिजेंस ब्युरो को इसकि भनक कैसे नहीं लगी। क्या मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपने ही ग्रुहविभाग कि पोल खोल रहे हैं। अगर ऐसा है तो फडणविस साहाब कि पुलिस प्रशासन के उपर कि पकड ढीली पड गई ऐसा जनता सोचेंगी।
नागपुर के डिसिपी कदम पर कुल्हाड़ी से हमला होने कि खबर खुद्द मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन में बताई। दंगे को नियंत्रित करने गए डीसीपी पर भारी तगडे पुलिस बंदोबस्त मे उग्र आंदोलनकारी हमलावर ने लोकल पुलिस, पैरामिलिटरी फोर्सेस के बीच कुल्हाड़ी से हमला संभव है क्या? यह जनता के मन मे प्रश्न है। DCP कदम का मेडिकल रिपोर्ट आया है क्या? जिसमे उनपर वेपन से वार हुवा ऐसा कुछ मेडिकल रिपोर्ट मे लिखा है क्या? यह रिपोर्ट अब सार्वजनिक करने कि जरुरत है। ऐसी मांग कुछ मुस्लिम नेताओं ने कल ली एक पत्रपरिषद मे कि। क्या उस वक्त बाकि पुलिसकर्मी क्या कर रहे थे? कौन था वो हमलावर जिसने डिसीपी पर कुल्हाड़ी चलाई। तब डिसीपी एसीपी PI, PSI किसी ने भी अपने बचाव में कोई गोली क्यो नही चलाई! यह शोध का विषय है! कुल्हाड़ी चलनेवाले हमलावर को उसी पुलिसकर्मियों ने क्यो नही दबोचा?
अब जनता के मन मे ये सवाल उपस्थित हो रहा है, नागपुर मे दंगा पुर्व नियोजित था तो इसके लिए कौन कौन मास्टरमाइंड हो सामने आना जरुरी है। कही राज्य सरकार, भाजपा बजरंग दल विश्व हिंदु परिषद ये सब और पुलिस प्रशासन ये सभी इस दंगे के लिए जिम्मेदार है या मुस्लिम संगठन जिम्मेदार है। ये तो इस दंगे कि ईमानदारीसे इन्क्वायरी अगर हो गई तो दुध का दुध और पानी का पानी होगा?ये भी हो सकता है दंगे के बाद अब मनगडंत स्टोरी पुलिस भी बना रही हो। नागपुर मे हुए दंगों मे किसी बेगुनाह को जानबूझकर फंसाना नही चाहिए जो लोग पत्थरबाजी मे शामील है उन्हें ढुंढकर दंगा भड़काने के धारा ओ मे जेल मे डाले.। इन सब दंगे के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने बयान दिया है जिस हरी चादर को जलाया गया उसपर कुरान कि आयतें लिखी नही मिली। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस दावे को मुस्लिम समुदाय के कुछ नेताओं ने झुठलाया। पत्थरबाजी करनेवाले कुछ दंगाइयों को पुलिस ने गिरफ्तार किया इसके लिए पुलिस तारिफेकाबिल है लेकिन तगडे पुलिस बंदोबस्त मे डीसीपी पर कुल्हाड़ी से हमला होना यह बात कुछ हजम नही हो रही।
नागपुर शहर तथा ग्रामीण इलाकों कि आबादी बढ़ गई है जनसंख्या के अनुपात यहा पुलिस विभाग मे कर्मीयो कि संख्या कम है। विभागोमे नई भर्तियां होनी जरुरी है। नागपुर कि CCTV यंत्रणा कि पोल खुल गई है। गुप्तचर विभाग ठीक से काम नही कर रहा। ऐसे नये थाने बनाने और बढाने से अच्छा है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस प्रशासन मे व्यापक भर्तीया करना जरुरी है।
नागपुर शहर ही नहीं बल्कि समुचे महाराष्ट्र राज्य मे शांती सौहार्द बनाने के लिए कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने हायलेवल मीटिंग करने कि जरुरी है जातीधर्म विषयक मामले टीपणी करनेवाले मंत्रीयो को तुरंत मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने कि जरुरत है। जहा मुख्यमंत्री दोनो उपमुख्यमंत्री तथा देश का प्रधानमंत्री और ग्रृहमंत्री सभी हिंदु रहने के बावजूद भारत देश मे हिंदु खतरे मे कैसे हो सकता है? जलानेवाले और भडकाऊ भाषण देनेवाले देते रहेंगे लेकिन आम जनता को इस हिंसा कि आग मे क्यो झोंकना। वोटों कि राजनिती के लिए आपस में लढवाना संविधान कि कसम झुठी खानेवाले मंत्री दरअसल समाजद्रोही हो रहे है। इसपर सभी राजनीतिक दलों ने विचारमंथन करने कि बेहद जरुरत है।
